सोमवार, 19 अक्तूबर 2015

देश को एक ऐसा प्रधानमन्त्री मिल गया है जो आचार विचार से वैष्णव और आहार से शुद्ध शाकाहारी है। देश हित जिसके लिए सर्वोपरि है। लेकिन उनका यह वैष्णव व्रत तब पूरी तरह परवान चढ़ेगा जब समूचे देश में पूर्णतया गौ वध प्रतिबंधित हो।

पञ्च गव्य ,गौ घृत ,गौ दुग्ध ,छाछ ,गौरेचन ,गोबर और गौ मूत्र आधारित चिकित्सा व्यवस्था हो। आयुर्वेद को अपना खोया हुआ स्थान मिले। इतर परम्परा गत चिकित्सा व्यवस्थाएं अपना स्पेस बढ़ाएं।

देश को एक ऐसा प्रधानमन्त्री मिल गया है जो आचार विचार से वैष्णव और आहार से शुद्ध शाकाहारी है। देश हित जिसके लिए सर्वोपरि है। लेकिन उनका यह वैष्णव व्रत तब पूरी तरह परवान चढ़ेगा जब समूचे देश में पूर्णतया गौ वध प्रतिबंधित हो। 

गौ संरक्षण गौ संवर्धन हो। कृषि कर्म गौ आधारित हो जिससे किसानी पे खर्च कृषि -इनपुट कमतर हो जाए। गोबर और गौ मूत्र तथा कृषि कचरे से  ऑर्गेनिक खाद तैयार हो ,ताकि स्वास्थ्यवर्धक अन्न पैदा करे धरती। 

पञ्च  गव्य ,गौ घृत ,गौ दुग्ध ,छाछ ,गौरेचन ,गोबर और गौ मूत्र आधारित चिकित्सा व्यवस्था हो। आयुर्वेद को अपना खोया हुआ स्थान मिले। इतर परम्परा गत चिकित्सा व्यवस्थाएं अपना स्पेस बढ़ाएं। 

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