गुरुवार, 19 नवंबर 2015

आपका तो काम ही नहीं नाम भी नकली है। दुनिया जानती है आप जब पढ़ते थे ,जब भी जहां भी जिसे लेकर खासी भ्रान्ति रही है ,(सेंट स्टीवंश ,दिल्ली से तो आप बीएससी फस्ट ईयर के बाद चले गए थे। कहा जाता है आप एमफिल हैं लेकिन ग्रेजुएट नहीं हैं। )आपका नाम वहां था राहुल विन्ची।

'करे जुम्मा पिटे मुल्ला ',और गधे से पार न पाई ,'गधैया के जा कान उमेठे ',दोनों मुहाव्रे आज पूरी तरह समझ में आ गए।शुक्रिया अबुद्ध कुमार का अदा न करना कृतघनता होगी।शुक्रिया मतिमंद कुमारजी।

जांच भाई साहब चैनल पर नहीं होगी। एक शेर याद आ गया -

अभी तो और भी रातें सफर में आएंगी ,

चराग़े शब मेरे मेहबूब संभाल के रख।

अभी तो जीजू को भी अंदर जाना है। देखें कौन पहले अंदर जाता है। एक  बात और शहजादे -ब्रिटेन में जाकर कम्पनी चलाने का मजदूर और किसान  वर्ग से क्या सम्बन्ध है। आप एक सम्बन्ध बतलाएं प्रति संबंध मुंह माँगा इनाम पाएं।

आपका तो काम ही नहीं नाम भी नकली है। दुनिया जानती है आप जब पढ़ते थे ,जब भी जहां भी  जिसे लेकर खासी भ्रान्ति रही है ,(सेंट स्टीवंश ,दिल्ली से तो आप बीएससी फस्ट ईयर के बाद चले  गए थे। कहा जाता है आप एमफिल हैं लेकिन ग्रेजुएट नहीं हैं। )आपका नाम वहां था राहुल विन्ची।

बहरसूरत आप किस मदरसे में पढ़ें हैं उसका नाम ज़रूर बतलाएँ ताकि किसान और मजदूर जिनकी आप लड़ाई लड़ रहे हैं तमीज सीखने के लिए वहां अपने बच्चों को भी भेज सकें।

जैसा बीज वैसा फल है आज आपने अपने इटली कनेक्शन का पूरा सबूत दे दिया।  और एक बात और मिस्टर  दस नंबरी जांच चल  रही है।आपके अपशब्द कहने से थमेगी नहीं। आप ऐसे ही आसमान की और मुंह करके थूकते रहिये। 

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